“इसी तरह का सवाल – क्या साँप पहले गायब हो जाता है और फिर रस्सी दिखाई देती है, या रस्सी पहले दिखाई देती है और फिर साँप गायब हो जाता है?
उत्तर: न तो समय का क्रम है और न ही कारण और प्रभाव।
यह एक साथ चलने वाली प्रक्रिया है – अहंकार का विलीन होना और हमेशा मौजूद चेतना का प्रकट होना। हम इसे प्रतिदिन गहरी नींद में करते हैं ☺️”
चेतना को समय का पता नहीं होता और यह आपको कभी भी लटका कर नहीं रखती।
जिस क्षण अहंकार गिरता है, चेतना आपको उठाने के लिए वहीं मौजूद होती है: यह तुरंत होता है।
अहंकार एक भ्रम है; भ्रम गिरता है और वास्तविकता वहीं होती है, कभी नहीं जाती।