दूसरों को बदलना

  • Video
  • Audio
  • Article
  • Question and Answers

No Video Available

No Audio Available

दूसरों को बदलना

दूसरों को बदलना

 

एक सार्वभौमिक बीमारी है जिससे हम सभी पीड़ित हैं: दूसरों को बदलने की कोशिश।

यह बीमारी हमारी है, और इसका समाधान भी हमारे भीतर ही है।

दूसरों को बदलने की कोशिश हमारी आंतरिक मानसिक बेचैनी से उत्पन्न होती है।

आंतरिक मानसिक बेचैनी दुनिया को जैसी है वैसी स्वीकार न करने से उत्पन्न होती है।

दुनिया को स्वीकार न करने की भावना हमारे मन से उत्पन्न होती है, जो स्थिर विचारधाराओं, अवधारणाओं, विश्वासों और दृढ़ विश्वासों (अहंकार) से भरा होता है, जो वर्तमान को अस्वीकार करता है और उसे बदलने की इच्छा पैदा करता है।

हमारा मन (अहंकार) उधार के ज्ञान, अवधारणाओं और विश्वासों पर पनपता है।

और मन हमारे अपने सच्चे स्व से वियोग के कारण उत्पन्न होता है।

सच्चा स्व मन की बेचैनी का नाश करने वाला है, जो सुख, शांति (संतुष्टि) (हमारी स्वाभाविक अवस्था) की ओर ले जाता है।

इस शांति में, एक नई दृष्टि उत्पन्न होती है जो दुनिया की सुंदरता और पूर्णता को देख सकती है।

Nov 14,2025

No Question and Answers Available