संतरे का पेड़ हमें दाता लग सकता है, क्योंकि हम उसके फल खाते हैं, लेकिन हम उस छिपे हुए दाता (चेतना) को नहीं देख पाते, जो सूर्य के प्रकाश, पानी और मिट्टी से पोषक तत्वों के माध्यम से पेड़ का पोषण करता है।
जब आप दुनिया को देखें, तो हमेशा हर जगह परम दाता को देखें।